दैनिक मजदूरी और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए बना सहारा
मोकलसर(बाड़मेर): वैश्विक महामारी कोरोना की प्रथम और दूसरी लहर के मध्यम नजर लॉकडाउन के दौरान गांवों में आर्थिक रूप कमजोर और दैनिक मजदूरी करने वाले परिवारों को सुबह - शाम के भोजन के लिए खाद्य सामग्री की सख्त जरूरत होती है l इस दौरान इन परिवारों को संकट का सामना करना पड़ता है l
इसी संकट को दूर करने के लिए मोकलसर के वरिष्ठ अध्यापक कुमार जितेन्द्र "जीत" ने माह अप्रैल में सोशल मीडिया के पटल पर "मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी" के तहत "सेवा परमो धर्म ग्रुप मोकलसर" का गठन किया l तथा वरिष्ठ अध्यापक कुमार जितेन्द्र जीत और ई मित्र संचालक लतीफ खान के द्वारा एक मुहिम चला कर गांव के युवाओं और गणमान्य नागरिकों के सहयोग से धन राशि एकत्रित की गई l
भामाशाहों का सहयोग
इस मुहिम को गति देने के लिए मोकलसर के युवा भामाशाहों देवीलाल घांची 9201 रुपये, घेवाराम देवासी 4200 रुपये, तगसिंह बालावत 1100 रुपये, हीराराम देवासी 1100 रुपये, छतराराम मेघवाल 1100 रुपये, मनोहरसिंह बालावत 1100 रुपये, समुबाई जैन 1000 रुपये, लालचंद राणावत 500 रुपये, चतुरसिंह खीची 500 रुपये, कुमार जितेन्द्र 500 रुपये, लतीफ खान 500 रुपये, केशाराम तीरग़र 500 रुपये, देशराज गर्ग 500 रुपये, महिपालसिंह बालावत 500 रुपये, दीपाराम मेघवाल 500 रुपये, रणछोड़ा राम बारड 500 रुपये, भभूताराम देवासी 500 रुपये, शकुर खान 500 रुपये, शंकरलाल तीरग़र 500 रुपये, गजेंद्र सुथार 500 रुपये, प्रमोद कुमार राणावत 500 रुपये, पोकरराम प्रजापत 500 रुपये, जगदीश बामणिया 500 रुपये, विरमाराम देवासी 500 रुपये, प्रवीण कुमार दमामी 500 रुपये, संदीप कुमार शर्मा 500 रुपये, चंपालाल मेघवाल 500 रुपये, सूजाराम देवासी 500 रुपये का महत्वपूर्ण सहयोग रहा है l
अब तक 43 खाद्य सामग्री के किट वितरित
सोशल मीडिया ग्रुप "सेवा परमो धर्म मोकलसर" ने दैनिक मजदूरी और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को अब तक खाद्य सामग्री के 43 किट वितरित किए गए l
दुपहिया वाहन पर खाद्य सामग्री घर - घर पहुंचाई
मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी" मुहिम के तहत भामाशाहों के सहयोग से प्राप्त राशि से खाद्य सामग्री के किट तैयार कर दैनिक मजदूरी और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के घर - घर तक सामग्री को पहुचाने में वरिष्ठ अध्यापक कुमार जितेन्द्र "जीत", अध्यापक प्रवीण कुमार दमामी, लाइनमेन केशाराम तीरग़र, युवा समाजसेवी जगदीश बामणिया ने मिलकर दुपहिया वाहन के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई l
ज्ञात रहे कि पिछले वर्ष भी लॉकडाउन में गांव के सहयोग से 100 से अधिक परिवारों को खाद्य सामग्री के पैकेट वितरित किए थे l
