कानून बनाकर दरोगा, हजुरी, वजीर जैसे शब्दों को राजस्व रिकॉर्ड से हटाने की मांग
जयपुर : राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र में पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने कार्य एवं प्रक्रिया संचालन संबंधी नियम 295 के अन्तर्गत प्रस्ताव प्रस्तुत विशेष उल्लेख करते हुए कहां कि हमारे प्रदेश का नाम राजस्थान गौरवशाली इतिहास के राजपुताना के आधार पर रखा गया हैं। अलग-अलग रियासतों के बावजुद राजपुताना की संस्कृति, संस्कार, देशभक्ति, त्याग एवं बलिदान के कारण राजपुताना का देश में अपना अलग और विशेष स्थान रहा हैं।
रियासतकाल में शासकों के न केवल राजकाज बल्कि निजी मामलों में भी सबसे सहयोगी जाति यदि कोई जाति रही हैं तो वे हैं रावणा राजपुत। जैसे एक व्यक्ति की दो भुजाऐ हों और इतिहास इस बात का गवाह हैं। देश आजादी के बाद लोककन्त्र एवं हमारे संविधान की मूल भावना के अनुरूप समान अवसर देने के लिए जाति वर्गीकरण किया गया और अन्य पिछडा वर्ग सूचि-11 में रावणा राजपुत जाति को अलग-अलग हिस्सों में तात्कालिक बोले जाने वाले नाम जैसे दरोगा, हजुरी, वजीर आदि बोले जाने शब्दों के अनुसार राजस्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो गये। उस समय अनुसुचित जाति/जनजाति वर्ग को तो अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 एवं अन्य नियमों एवं प्रावधानों के तहत कानूनी संरक्षण प्रदान कर सरकार ने उन जातियों के सम्मान को ध्यान रखा अैार अपमानजनक जाति सूचक शब्दों को प्रतिबंधित कर सजा का प्रावधान भी किया। विडम्बना यह रही कि अन्य पिछडा वर्ग या अन्य किसी भी वर्ग केा ऐसा कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं हो पाया। मेरा सरकार से आग्रह है कि सभी वर्गो के सम्मान का ध्यान में रखते हुए हेय दृष्टि से देखे जाने वाले पद सूचक शब्दों को तुरन्त हटाया जाना चाहियें, अन्य पिछडा वर्ग सूचि-11 में रावणा राजपुत जाति के अलावा दरोगा, हजुरी, वजीर आदि नामों को राजस्व रिकॉर्ड से हटा कर केवल एक नाम रावणा राजपुत दर्ज करने का नियमों में प्रावधान कर प्रदेश में लगभग 50 लाख रावणा राजपुत समाज के लोगों को सम्मान प्रदान करें। यदि अन्य किसी जाति वर्ग में भी यदि इस प्रकार के हेय दृष्टि से देखे जाने वाले जाति सूचक शब्द हैं तो उनके हटाने का प्रावधान किया जावें। गजट नोटिफिकेशन जारी कर एवं नियम बना कर शीध्रताशीध्र राजस्व रिकॉर्ड में नाम संशोधन हेतु प्रावधान कर न्याय प्रदान करें। इसके बाद विधायक ने विधानसभा परिसर में ही मुख्यमन्त्री एवं राजस्व मन्त्री हरीश चौधरी से व्यक्तिगत मुलाकात कर इस संबंध में कार्यवाही करने की मांग रखी।