त्रयोदशी पर विशेष पूजा अर्चना
जसोल/बालोतरा- आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर जसोलधाम में श्री राणीसा भटियाणीसा मन्दिर में दर्शन-पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में शीश नवा आशीर्वाद प्राप्त कर परिवार में खुशहाली की कामनाएं की। दिनभर श्रद्धालुओं की आवाजाही से मन्दिर प्रांगण में मेले सा माहौल रहा। वहीं शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के अवसर पर कई नव-विवाहित जोड़ों ने छेड़ा बंदी बांधकर सुखी दांपत्य जीवन की कामना को लेकर मां के दरबार में जात लगाई। त्रयोदशी को ब्रह्ममुहुर्त में मंदिर के कपाट खुलते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। जंहा उन्होंने मां की मंगल आरती कर परिवार में खुशहाली की कामना की। मां के जयकारों से पूरे दिन मंदिर का माहौल धर्ममय बना रहा।
वैदिक मंत्रों के साथ विशेष पूजा:-
वेदपाठी विद्वानों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ माता श्री राणीसा भटियाणीसा की विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, साथ ही कन्या पूजन भी किया गया। तथा मंदिर प्रांगण स्थित समस्त मन्दिरों श्री बायोसा, श्री सवाईसिंह जी, श्री लाल बन्ना सा, श्री खेतलाजी एवं श्री काला - गौरा भेरूजी मंदिरों में भी सामूहिक भक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। हर मन्दिर से घंटियों की ध्वनि और भजनों की गूंज श्रद्धालुओं के हृदय को छूती रही।
मन्दिर संस्थान की व्यवस्थाएं:
मन्दिर संस्थान की और से सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, अनाउंसमेंट सिस्टम, मिस्ट कूलिंग सिस्टम, ट्रैफिक व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण प्रणाली, प्रसाद चढ़ाने की उचित व्यवस्था, गोल्फ कार्ट सुविधा और शीतल पेयजल जैसी व्यवस्थाओं को जिस कुशलता से किया गया, वह एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करता है। संस्थान के सेवकों और समर्पित कार्यकर्ताओं की सेवा भावना ने यह सुनिश्चित किया कि श्रद्धालु केवल दर्शन व भक्ति में रमे रहें और उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा का अनुभव न हो।
भजन संध्या में भक्ति का रस:-
रात्रि में आयोजित भव्य भजन संध्या में जसोल ग्राम के स्थानीय भजनीयों ने अपने मधुर कंठ से श्री राणीसा भटियाणीसा सहित श्री बायोसा, श्री सवाईसिंह जी, श्री लाल बन्ना सा की महिमा का गुणगान किया। भजनों की मधुर स्वर लहरियों पर श्रद्धालु देर रात तक झूमते रहे और वातावरण को भक्तिमय बनाए रखा।