शाइन टुडे @सिवाना न्यूज: समदड़ी क्षेत्र के जेठन्तरी गांव में कांगो फीवर के संदिग्ध मरीज की मौत के बाद जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। पांच दिन पूर्व जेठन्तरी गांव में एक किशोर को बुखार आने के बाद उसे बालोतरा और उसके बाद में तबीयत बिगड़ने पर जोधपुर मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती करवाया था, वहां से परिजनों ने ईलाज के लिये अहमदाबाद लेकर रवाना हुए वही बीच रास्ते में उसने दम तोड़ दिया था। चिकित्सा विभाग ने मरीज को संदिग्ध कांगो फिवर होना मानते हुए उसके परिवार व आसपास में जांच कर उनके लोंगो के सैंपल एकत्रित कर दवाइयां वितरण की। पशुओं के बैठने के स्थान पर पशुपालन विभाग की ओर से दवाइयां का छिड़काव किया गया। मौत के बाद चिकित्सा विभाग की निगरानी में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। अब पांच दिन बाद राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे की जांच रिपोर्ट आई है, जिसमें मरीज को कांगो फीवर नहीं होना पाया गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी ने बताया कि 20 सितम्बर को समदड़ी क्षेत्र के जेठन्तरी गांव में एक बालक की मौत संदिग्ध कांगो बुखार से होना बताया गया था, जिसकी रिपोर्ट 24 सितम्बर को प्राप्त हुई, रिपोर्ट में कांगो फिवर होने की पुष्टि होना नही पाया गया है। वही डॉ कमलेश चौधरी ने बताया कि बाड़मेर जिले में अभी तक कांगो बुखार की पुष्टि नही हुई है। जिसको लेकर कहा की अब आमजन को घबराने की आवश्यकता नही हैं, केवल सतर्क रहने की आवश्यकता है। डॉ चौधरी ने आमजन से अपील की पशु की देखभाल करते समय पैरों में जूते पहने, फुल बाजु के कपड़े पहने व आप को किसी भी तरह का बुखार हो तो उसे हल्के में ना ले , समय रहते अपने नजदीकी चिकित्सक से इलाज करवाये, ओर साथ ही कहा की किसी भी नीम हकीम या झोला छाप से इलाज नही करवाये। वही बताया की सप्ताह में एक दिन अपने घर के आसपास व घर मे रखे बर्तन जैसे टंकी , कूलर ,पुराने घड़े व टायर आदि को खाली करें तथा कहीं भी पानी एकत्रित नही होने दे । जिससे मच्छर के लार्वा उत्पन्न ना हो और मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया न फैल सके।