नवनिर्मित विहार धाम मेली में अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव का कार्यक्रम शुरू
शाइन टुडे न्यूज़ नेटवर्क
सिवाना(बाड़मेर): सिवाना कस्बे के निकटवर्ती मेली गांव में श्रीसिवांची जैन सेवा समिति ट्रस्ट, दुर्गापुरा (मेली) के तत्वाधान में आयोजित श्री मनसंतुष्टि मुनि सुव्रतस्वामी जिनमंदिर की अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव का कार्यक्रम परमात्मा की प्रतिमाओं व गुरु भगवंतो के धूमधाम से हुए मंगल प्रवेश के साथ शुरू हुआ।
ट्रस्ट मंडल के अध्यक्ष राजमल भंसाली, ट्रस्ट सदस्यों व महोत्सव के लाभार्थी परिवार सुनंदादेवी केशवलाल जीरावला परिवार सदस्यों के करकमलो से विविध संकुलो का उद्घाटन किया गया। महोत्सव के आयोजन के तहत मंगलवार को प्रातः परमात्मा की प्रतिमाओं व आचार्य यशोभद्र सूरीश्वर मसा, आचार्य पियूषभद्र सूरीश्वर मसा, आचार्य रेवत सूरीश्वर मसा, मुनि विरलविजय मसा आदि ठाणा एवं साध्वी वृंद का आज प्रातः जैन विहार धाम के प्रांगण में शहनाई व बैंड की स्वर लहरियों के साथ मंगल प्रवेश हुआ।
जिसमें पुना डीसा सिवाना समदड़ी मोकलसर सहित सिवांची क्षेत्र के दर्जनों गाँव से जैन धर्मावलंबियों ने उत्साह से भाग लिया। धर्मसभा में आचार्य श्री ने उपस्थित धर्मावलंबियों को परमात्मा की प्रतिमा के अंजन शलाका विधान एवं जिनमंदिर की प्रतिष्ठा के विधान एवं आयोजन से होने वाले पुण्य के बारे में विस्तृत से प्रकाश डाला व उपस्थित धर्मावलंबियों को धर्म के मार्ग पर चलते की प्रेरणा देते हुए आत्म कल्याण व मोक्ष प्राप्ति के लक्ष्य का मार्ग बदलाया।
ट्रस्ट अध्यक्ष राजमल भंसाली व जिन मंदिर निर्माण व प्रतिष्ठा महोत्सव के लाभार्थी परिवार के राजेंद्र जीरावला ने जिन मंदिर के अंजनशलाका - प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम 8 फरवरी से 14 फरवरी तक की रूपरेखा को विस्तृत रूप से बताते हुए सकल जैन संघ को कार्यक्रम में आमंत्रित किया।
इस अवसर पर नाकोड़ा तीर्थ के ट्रस्टी तेजराज गोलेछा, महावीर स्वामी जैन मंदिर व दादावाडी ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महेश कुमार नाहटा, भवरलाल सुराणा, प्रकाश मेहता, पारसमल, घेवरचंद श्री सिवांची जैन सेवा समिति ट्रस्ट के उपाध्यक्ष मांगीलाल भंसाली, महामंत्री अशोक सालेचा, कोषाध्यक्ष माणकचंद बोकडीया, सह कोषाध्यक्ष भंवरलाल जीरावला ट्रस्टी संघवी मीठालाल जीरावला, राजू भाई भंसाली, सुरेश भंसाली, कांतिलाल, ढेलरिया मुथा, मांगीलाल विनियकीया, सोहनलाल जीरावला, ईश्वरलाल दांतेवाडीया, संघवी अमृतलाल भंसाली, संघवी बाबुलाल लुंकड सहित दर्जनों जैन धर्मावलंबी उपस्थित थे।