विश्व तम्बाकू निषेध दिवस: कोविड-19 और तंबाकू का है गहरा संबंध
मोकलसर /लतीफ खान
तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट का सेवन करने से न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि जन, धन, समय आदि की भी हानि होती है। इसके उपभोक्ता न सिर्फ अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करते है बल्कि अपनी और परिवार की जमा पूंजी भी इसके इलाज में खर्च कर देते हैं । विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर मोकलसर के श्रीश्री 1008 भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष चेतन गिरी महाराज में लोगो से तम्बाकू का सेवन नही करने का आग्रह करते हुए स्वयं सहित परिवार के किसी भी सदस्य, मित्र, आदि को तम्बाकू का सेवन नही करने की शपथ दिलाई ।
वर्तमान समय में कोविड के प्रसार के लिए तंबाकू भी एक कारण हो सकती है। क्योंकि कोरोना का वायरस छींकने, खांसने और थूकने से निकलने वाली बूंदों के जरिये एक दूसरे को संक्रमित करता है। ऐसे में कोविड संक्रमित के तंबाकू सेवन के बाद यहां वहां थूकने से इसके प्रसार को बढ़ावा मिलता है। प्रदेश में तो खुले में थूकने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है।
वही दूसरे रूप में धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती है, इसके अलावा धूम्रपान से श्वसन प्रणाली, सांस की नली और फेफड़ों को भारी नुकसान पहुंचता है। जिससे फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर होने से कोरोना संक्रमण से लड़ने की क्षमता अपने आप कम हो जाती है। यही कारण है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को कोरोना का खतरा कई गुना अधिक रहता है।