मदरसों में आधुनिक शिक्षा एवं बेहतर सुविधाओं के लिए कृत संकल्पित: शाले मोहम्मद
मदरसों में नवाचार के तहत होंगे विभिन्न कार्य
जयपुर/ जैसलेमर/ पोकरण:. प्रदेश के पंजीकृत मदरसों में आधुनिक सुविधाओं एवं शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के साथ बेहतर कार्य करने के लिए कृत संकल्पित हैं। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए अलग-अलग श्रेणियों के मदरसों में बजट दिया है। जिससे बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी। अल्पसंख्यक वर्ग के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गंभीर हैं।उन्होंने मदरसा बोर्ड को संवैधानिक दर्जा देकर बड़ी सौगात दी है। राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत मदरसों में दीनी तालीम के साथ साथ दुनियावी तालीम देने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि हमारे बच्चे दुनिया में भी बेहतर मुकाम हासिल कर सकें। यह बात अल्पसंख्यक मामलात, वक़्फ़ एवं जन अभाव अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने बुधवार को जयपुर में ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल की ओर से आयोजित मदरसों की समस्याओं पर तालीमी कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पंजीकृत मदरसों को आधुनिक शिक्षा एवं बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकार प्रयासरत है। मदरसों में दीनी तालीम के लिए सरकार ने पैराटीचर्स एवं कम्प्यूटर पैराटीचर्स लगा रखे हैं। शिक्षा विभाग की तर्ज पर शिक्षक दिवस पर मदरसा पैराटीचर्स को सम्मानित करने का नवाचार किया गया है। इसके अलावा मदरसों में खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित करवाने समेत कई अन्य नवाचार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक मदरसा में पढ़ने वाला बालक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देश का महान वैज्ञानिक बना। उसके लिए उन्होंने मेहनत की, देश की सेवाओं में बेहतर काम करने वाले कलाम आगे चलकर देश के राष्ट्रपति भी बने। हमारा मकसद है यहां के मदरसों में शिक्षा अर्जित करने वाले बच्चे आईएएस, आरएएस बनकर देश की सेवा करें। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से मदरसों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने मदरसों के बेहतर भविष्य के लिए हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया। कार्यक्रम में विधायक रफीक खान, अमीन कागज़ी ने मदरसों को बजट में विशेष पैकेज दिलाने पैराटीचर्स की समस्याओं के निस्तारण कराने की मांग की। इस दौरान ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी कय्यूम अख्तर, शब्बीर खान, शौकत कुरैशी, अब्दुल लतीफ आरको सहित अन्य मौजूद रहे।
बेहतर शिक्षा के लिए मॉडल मदरसों का चयन करेंगे :
राजस्थान मदरसा बोर्ड में पंजीकृत मदरसों में नवाचार करेंगे। बेहतर सुविधाएं एवं शिक्षा देने वाले मदरसों को मॉडल मदरसों के रूप लेकर प्रमोट करेंगे। इससे प्रदेश के अन्य मदरसों में बेहतर सुविधाएं देने के लिए कम्पीटीशन बढ़ेगा। सरकार मदरसों के विकास के लिए अनवरत प्रयास कर रही है।
मदरसा बोर्ड का गठन कर बड़ी सौगात दी:
मदरसों की समस्याओं पर आयोजित तालीमी कॉन्फ्रेंस में अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि उन्हें कार्य संभाले दो वर्ष हुए हैं। इसमें भी एक वर्ष कोविड ने ले लिया। इसके बाद भी उन्होंने मदरसा बोर्ड को संवैधानिक दर्जा दिलाने, मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए बजट दिलाकर प्रदेश के मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मदरसों में दीनी तालीम के साथ दुनियावी तालीम देकर बेहतर परिणाम लाएंगे। जो पूरे देश में मॉडल के रूप में देखे जाएंगे।