घर के मुखिया को एक ही किडनी, वह भी खराब, परिवार का गुजर-बसर हुआ मुश्किल।
रिपोर्ट :अजरुद्दीन मराड़िया
घर का मुखिया हुआ बीमार, ईश्वर ने एक ही किडनी दी और वह भी 60% हो चुकी है खराब। हजारों रुपये कमाकर ठाट से जिंदगी जीने वाले भंवरू खां का परिवार दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहा है।
शाइन टुडे@सिवाना न्यूज:सिवाना कस्बे निवासी 40 वर्षीय भंवरूखां की जन्म से ही एक किडनी हैं। ओर वो भी 60 प्रतिशत खराब हाे चुकी है। किडनी बीमारी ने भंवरूखां को ऐसे जकड़ रखा है जो पिछले ढाई साल से खाट पर है, घर का मुख्या बीमार होने से बच्चो की पढ़ाई पर भी बाधित हो रही हैं। बीमारी के चलते पूरा परिवार दाने-दाने का मोहताज हो गया है।
वही बीमारी से पीड़ित भंवरूखां ने बताया की बाजुओं में जब ताकत थी तब खूब कमाया व संम्पति भी जमा की लेकिन बीमारी ने ऐसा जकड़ा की आज सब कुछ बिक चूका है, ना रुपये पैसे रहे ओर ना ही गहने जेवरात सब कुछ बेच दिया है, अब बच्चो की पढ़ाई भी चौपट हो चुकी है, कहि से सरकारी सहायता नही मिल रही हैै अब तो रहवासी मकान बेचने की नौबत आ सुुकी है।
गुजर-बसर के लिए सरकारी सहायता की दरकरार:
गरीब के इलाज के लिए परिवार के पास में कुछ नही होने से घर गिरवी रखकर इलाज करवाया का रहा है, ऐसे में सरकारी से सहायता नही मिली तो घर बेचना पड़ेगा | सिवाना कस्बे के रहने वाले असरफखां का पुत्र भंवरूखां जो एक ही किडनी के सहारे जिंदा है, ओर वो भी 60 फीसदी खराब है। किडनी के इलाज के लिए लाखों रुपए कर्ज ले लिया,ओर सरकारी व निजी चिकित्सालयों में जगह-जगह उपचार करवाया, लेकिन कोई फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है। बीमारी से पीड़ित भंवरु खान सरकार से गुहार लगाई है कि परिवार की गुजर-बसर के लिए कुछ सहायता दी जाए ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके, साथ बीमारी से निजात मिले इसके लिये गुहार लगायी हैं।