स्काउटिंग शिक्षा व संस्कार का बेहतरीन संगम : किशोर जाणी
स्थानीय संघ स्तरीय स्काउट गाइड प्रशिक्षण शिविर का समारोहपूर्वक समापन।
250 से अधिक बालचरों ने की सहभागिता।
सिणधरी(बाड़मेर): स्काउटिंग व्यक्ति के जीवन को सेवाभावी, अनुशासित, व्यवस्थित व संस्कारशील बनाती है। स्काउटिंग आंदोलन की विभिन्न गतिविधियों से बालचरों में करके सीखने की विधि से जीवन मे शिक्षा को संस्कार में बदलने का कार्य बखूबी हो रहा है। ये विचार राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड स्थानीय संघ सिणधरी के तत्वावधान में 16 से 22 नवम्बर तक आयोजित सात दिवसीय द्वितीय/तृतीय सोपान स्काउट व गाइड प्रशिक्षण एवं अभिशंषा शिविर समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर आदर्श किशोर जाणी व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्काउट गाइड सामान्य विद्यार्थियों से अधिक अनुशासित, सेवाभावी व जिम्मेदार होते है। विशिष्ट अतिथि योगेंद्रसिंह राठौड़ ने कहा कि स्काउटिंग बालचरों को व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के हर प्रकार के सकारात्मक अवसर प्रदान करती है जिससे बालक राष्ट्रीय ही नही अंतरराष्ट्रीय पहचान कायम कर सकते है। उन्होंने आज के भौतिक युग में विद्यार्थियों के लिए स्काउटिंग गतिविधियों की महत्ती आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम अध्यक्ष व स्थानीय विद्यालय के संस्थाप्रधान ने कहा कि मेरे विद्यालय परिसर में आयोजित सात दिवसीय स्काउट शिविर की विभिन्न गतिविधियों से नजदीकी से रूबरू होने का अवसर प्राप्त हुआ। बालचरों की समयबद्ध, नियमित व अनुशासित दिनचर्या, कार्य करने का तरीका, कम संसाधनों के साथ भी बेहतरीन सजावट के साथ रहना, नन्ही सी उम्र में एक दूसरे के सहयोग से हर कार्य को सहजता के कर लेना, स्वच्छता व प्रेरणास्पद विचारों से आवासीय सजावट आदि से शिक्षा को संस्कार में सजीवता से परिवर्तित होते देखना सुखद अनुभति देता है। हमें प्रत्येक विद्यालय में सुव्यवस्थित रूप से स्काउट प्रभारी की नियुक्ति करके गतिविधियों को अनिवार्य रूप से संचालित करने की आवश्यकता है जिससे समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी नागरिक बना सके। समारोह को ट्रेनिंग काउंसलर फताराम पंवार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में निम्बलकोट सरपंच कोशलाराम मूढ़, नोखड़ा पीईईओ पूनमाराम, नगाराम, पदमाराम सोनी ने भी शिरकत की। समारोह की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई व अतिथियों को स्कार्फ़ पहनाकर स्काउट परंपरा से स्वागत किया गया। शिविर संचालक गोरधनराम हुड्डा ने शिविर प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि शिविर में 250 से अधिक कब बुलबुल स्काउट गाइड रोवर रेंजर ने सहभागिता की। समारोह में रामावि पानाबेड, राउमावि नोसर व राउप्रावि सिणधरी की गाइड ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सबका मन मोह लिया। स्थानीय संघ सचिव ने बताया कि शिविर के सफल आयोजन में नरपत मूढ़ व खरथाराम सोलंकी ने स्मृति चिह्न, सरपंच कोशलाराम मूढ़ व कानाराम सियाग ने भोजन व्यवस्था, गुल्लाराम हुड्डा ने जलपान व्यवस्था, रावतोणी सोनी परिवार निम्बलकोट ने सभी बालचरों के लिए व जसनाथ हार्डवेयर के प्रो. मूलाराम धीराराम डोगीयाल, अमृत कुमार व इमरताराम सोनी ने सांस्कृतिक प्रतिभागियों के लिए पुरस्कार की व्यवस्था कर भरपूर सहयोग किया। अंत में सभी प्रतिभागियों व भामाशाहों को स्मृति चिह्न प्रदान किये गए। सचिव दूदाराम चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर ट्रेनिग काउंसलर तेजाराम गोदारा, चम्पालाल नेहरा, खेताराम गर्ग, रमेश कुमार वर्मा, लालाराम चौधरी, मैदान लाल, अजय कुमार बिश्नोई, लक्ष्मणसिंह मीणा, रेखा अग्रवाल, गुल्लाराम, मेहराराम, मनीष गोदारा, समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। शिविर के सफल आयोजन में सर्विस रोवर नरपत कुमार, मुकेश कुमार सुथार, प्रकाश कलबी व रेंजर कमला देदड़, दमी व ममता ने शानदार सहयोग प्रदान किया।