गोल्ड मेडलिस्ट हैं दिव्या, आरजेएस मेंं ओबीसी वर्ग में प्रथम
राजस्थान न्यायिक सेवा (आरजेएस) भर्ती परीक्षा-2018 का परिणाम हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा बुधवार को जारी कर दिया गया। इसमें बालोतरा से दिव्या गोदारा पुत्री दौलतराम गोदारा निवासी कुंपलिया हाल बालोतरा व प्रमोद पुत्र गोरधन पंवार का चयन होने से क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है।
बालोतरा(बाड़मेर): बालोतरा की दिव्या की 17वीं रैंक आई , लेकिन ओबीसी वर्ग में प्रथम रैंक प्राप्त की। इसी तरह प्रमोद पंवार ने 166वीं रैंक प्राप्त की। दो प्रतिभाओं का चयन होने पर गणमान्य नागरिकों ने खुशी व्यक्त कर घर जाकर बधाइयां दीं। इस अवसर पर राउमावि में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। विद्यालय परिवार व प्रबुद्धजनों ने साफा व माल्यार्पण कर बहुमान किया। इसी तरह कांग्रेस कमेटी जिला कोषाध्यक्ष नरेश जैन, विकास सोनी व अन्यों ने भी बधाइयां दी। यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट हैं दिव्या, ओबीसी वर्ग में प्रथम मूल कुंपलिया हाल बालोतरा निवासी दिव्या गोदारा ने बताया कि आरजेएस में ओसीबी वर्ग में प्रथम रैंक लगी तथा सामान्य में 17वीं रैंक प्राप्त की।
दिव्या ने बताया कि 10वीं व 12वीं बालोतरा के शांति निकेतन स्कूल से की। 10वीं में 86.05 व 12वीं में 86.51 प्रतिशत प्राप्त किए। इसके बाद राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में अध्ययन किया। इसमें गोल्ड मेडल भी मिला। दिव्या ने बताया कि 2017 में आरजेएस परीक्षा दी, लेकिन मेन एग्जाम में रह गई। बाद में 2018-19 में पुन: प्रयास किया, इसमें 17वीं रैंक के साथ चयन मिला। दिव्या बताती हैं कि सफलता के लिए मेहनत के साथ किस्मत का भी होना जरूरी है। मैंने पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाया। रिश्तेदारों के शादी समारोह भी अटेंड नहीं किए। इसके बाद भी मुझे विफलता मिली। दूसरे प्रयास में मेहनत की, लेकिन रिश्तेदारों-परिजनों से मिलती रही, शादी समारोह में भी गई और सफलता पाई। दिव्या के दादा स्व.भूराराम गोदारा कुंपलिया के सरपंच रहे हैं व क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य भी रहे। समाज के पंच भी थे।
पहले प्रयास में प्री-एग्जाम भी पास नहीं कर सके, लेकिन अब सफल
बालोतरा में रहने वाले प्रमोद पंवार ने बताया कि आरजेएस में 166वीं रैंक प्राप्त कर चयन मिला। पंवार ने बताया कि 10वीं व 12वीं राजकीय सीनियर सैकंडरी स्कूल से की। 10वीं में 54 प्रतिशत मिले, तो 12वीं में 70 प्रतिशत प्राप्त किए। बाद में गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया। 2017 में आरजेएस का प्री-एग्जाम दिया, लेकिन उसमें चयन नहीं हुआ। बाद में 2018-19 में कड़ी मेहनत कर सफलता प्राप्त की। प्रमोद ने सफलता का श्रेय परिजनों व गुरुजनों को दिया।