किसान डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं यूरिया का उपयोग करें
बालोतरा, 23 सितंबर। जिले में इस बार अच्छी बारिश होने के कारण जलाशयों एवं फॉर्म पौंड में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के कारण रबी में फसलों का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि किसान फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में केवल डीएपी पर अधिक निर्भर होने के कारण मांग के अनुरूप उपलब्ध कराने में कठिनाई आती है। ऐसे में किसान डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फॉस्फेट एवं युरिया का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि फसलों की बुवाई के समय डीएपी के विकल्प के रूप में 01 बैग डीएपी के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं 1 बैग यूरिया का उपयोग करें। सिंगल सुपर फास्फेट में उपलब्ध फास्फोरस तत्व के अलावा अन्य आवश्यक पोषक तत्व सल्फर,जिंक, बोरोन आदि भी उपलब्ध होते हैं। 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं 1 बैग यूरिया में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत डीएपी में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत से कम होती है। भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने एवं उर्वरकों के उपयोग में मुख्य पोषक तत्वों का अनुपात बनाए रखने के लिए डीएपी के स्थान पर एसएसपी+ यूरिया के अलावा एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक के विभिन्न ग्रेडस का उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कार्बनिक खादों गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट, खली, प्रोम, फोम, एलफॉम, ऑर्गेनिक मैंन्योर का अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिए। इसी तरह उर्वरकों की लागत को कम करने एवं भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन बढ़ाने में सहायक न्यू एज तरल उर्वरक नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का उपयोग करें।