श्री क्षत्रिय युवक संघ का चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न, 99 शिविरार्थियों ने लिया संस्कारमयी जीवन का संकल्प
खण्डप/सिवाना। निकटवर्ती खण्डप गांव स्थित श्री नागाजी महाराज मठ में श्री क्षत्रिय युवक संघ का चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 7 सितंबर रविवार को सम्पन्न हुआ। विदाई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिविर प्रमुख भैरुसिंह पादरु ने बताया कि इस चार दिवसीय प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर में हमने क्षात्र परम्परा भगवान राम की मर्यादा, कृष्ण की धर्मनीति, हरिश्चन्द्र की दानशीलता, दुर्गादास की स्वामीभक्ति, प्रताप के स्वाभिमान, हमीर की शरणागत एवं हठ, वत्सलता, ध्रुव की ध्येय निष्ठा, प्रहलाद की भक्ति को समझ कर उसे अपने में आत्मसात करने का अभ्यास किया। हमने पूर्ण मनोयोग से सामूहिक संस्कारमयी कर्म प्रणाली द्वारा यहां चार दिन सैकड़ों महापुरुषों, वीर पुरुषों के जीवन को प्रेरक मानकर क्षात्र परम्परा को जीने का उपक्रम किया। हमने बौद्धिक में सुना की दुनिया में श्रेष्ठ वाक्य "जियो और जीने दो" तथा क्षत्रिय के लिए क्षात्र धर्म की उज्ज्वल परम्परा का ध्येय वाक्य हैं "खुद मरकर भी औरों को जीवन दो" इसलिए दुनिया का श्रेष्ठतम धर्म है क्षात्र धर्म। हमें श्री क्षत्रिय युवक संघ की साधना के रूप में तनसिंह की पीड़ाओं को घर-घर तक पहुंचाना है।
इस चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में 99 शिविरार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर में बालोतरा संभाग प्रमुख मूलसिंह काठाड़ी एवं सिवाना प्रांत प्रमुख मनोहर सिंह सिणेर सहयोगियों सहित उपस्थित रहे। इस चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की व्यवस्था में सभी ग्रामवासियों का अच्छा सहयोग रहा।